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लड़कियों के लिए राजस्थान सरकार का उपहार : कृषि छात्रा प्रोत्साहन योजना, अगर है कागजात तो करें आवेदन और पायें 15 हजार

लड़कियों के लिए राजस्थान सरकार का उपहार : कृषि छात्रा प्रोत्साहन योजना, अगर है कागजात तो करें आवेदन और पायें 15 हजार

कृषि क्षेत्र में महिलाएं एक प्रमुख शक्ति हैं, जो बुवाई, रोपण, जल निकासी, सिंचाई, खाद, पौधों की रक्षा, कटाई, निराई और भंडारण में योगदान करती हैं। राजस्थान में कृषि में पढ़ाई कर रही छात्राओं के लिए एक प्रोत्साहन कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है, ताकि इस क्षेत्र में उनके सशक्तिकरण और सफल भागीदारी की गारंटी दी जा सके। राज्य प्रशासन चाहता है कि लड़कियों को नवीनतम कृषि तकनीकों का अध्ययन करने के अलावा औपचारिक शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त हो। यह राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ परिवार की वित्तीय स्थिति को भी लाभान्वित करेगा। महिलाएं भी पुरुषों की तुलना में किसी भी मायने में कम नहीं है, महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। गहलोत सरकार ने महिलाओं के कृषि क्षेत्र में सशक्तिकरण और उनकी भागीदारी और बढ़ाने के लिए एक योजना शुरू की है, जिसका नाम है कृषि छात्रा प्रोत्साहन योजना (Krishi Chhatra Protshahan Yojna)। कृषि छात्रा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत राजस्थान सरकार ने अपने यहाँ कृषि संकाय में कक्षा 11वीं से लेकर पीएचडी तक पढाई कर रही हर छात्राओं को प्रति वर्ष 5 हजार से लेकर 15 हजार रूपया तक की राशि मुहैया करवा रही है। इस योजना का लाभ लेने के लिए छात्राओं को राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त किसी विद्यालय, विश्वविद्यालय में कृषि संकाय की विद्यार्थी होना आवश्यक हैं। राजस्थान सरकार अंतर्गत कृषि संकाय में 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई करने वाले छात्राओं को प्रतिवर्ष 5 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशी दी जाएगी। वहीं ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट (एमएससी कृषि) और फ़ूड प्रोसेसिंग की पढाई करने वाले हर छात्राओं को प्रति वर्ष 12 हज़ार रुपये की सहायता राशी दी जाएगी। वहीं पीएचडी की पढाई करने वाली छात्राओं को 15 हज़ार रुपयें प्रति वर्ष (ज्यादा से ज्यादा 3 साल) तक सहायता के रूप में प्रदान की जाएगी।


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इस योजना के तहत राजस्थान सरकार ने लड़कियों को कृषि के क्षेत्र में प्रयोग होने वाली नई तकनीक की पढ़ाई और वैज्ञानिक तरीकों के प्रशिक्षण के लिए एक प्रोत्साहन राशी मुहैया करवा रही है। बता दें की राजस्थान सरकार के इस योजना का लाभ अभी तक सैकड़ो छात्राओं को मिल चुका है।

आवेदन की प्रक्रिया

जो छात्र इस योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे ई-मित्र या हमारे अपने एस.एस.ओ के माध्यम से ऐसा कर सकते हैं। आप राज किसान साथी पोर्टल पर भी प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन कर सकते हैं। योजना या आवेदन के संबंध में जानकारी के लिए एक छात्रा अपने नजदीकी किसान सेवा केंद्र, कृषि प्रबंधक या उप कृषि निदेशक या जिला स्तर के उप कृषि निदेशक (विस्तार) से भी संपर्क कर सकती हैं।

छात्रवृति के लिए आवश्यक दस्तावेज

अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहती हैं तो आवेदन करने से पहले इन दस्तावेज की आपको भी आवश्यकता है। आवेदन करने के समय लाभार्थियों को बेसिक एड्रेस प्रूफ (मूल निवास प्रमाण पत्र), संस्था प्रधान का ई-साइन प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और मार्कशीट तथा श्रेणी सुधार हेतु प्रवेश नहीं लेने का प्रमाण पत्र सहित कई दस्तावेज आपको अपलोड करने पड़ेंगे। तो कर लें इन दस्तावेजों का प्रबंध और जल्द से जल्द आवेदन कर पायें इस योजना का लाभ।
अब किसानों को आवारा जानवरों से मिलेगी निजात, ये सरकार दे रही है खेत की तारबंदी के लिए 60 फीसदी पैसा

अब किसानों को आवारा जानवरों से मिलेगी निजात, ये सरकार दे रही है खेत की तारबंदी के लिए 60 फीसदी पैसा

भारत में इन दिनों आवारा और छुट्टा जानवर किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बने हुए हैं, जिसके कारण किसानों को हर साल नुकसान झेलना पड़ता है। आवारा जानवर किसानों की फसलों को उजाड़ देते हैं, जिससे किसानों के उत्पादन में असर पड़ता है। इसके साथ ही आवारा और छुट्टा जानवरों के अलावा जंगली पशु भी किसानों की फसलों को भरपूर नुकसान पहुंचाते हैं। खेतों में खड़ी फसलों को नीलगाय और अन्य जंगली पशु चौपट कर देते हैं। इन समस्याओं का असर सीधे किसानों की आय पर पड़ता है। इस समस्या का एकमात्र उपाय है, कि किसान अपने खेत में तारबंदी करवा ले। इससे आवारा पशु और जंगली जानवर किसानों के खेत में नहीं पहुंचे, जिससे फसल को सीधा नुकसान नहीं होगा। लेकिन अगर आज के युग की बात करें तो तारबंदी करवाना एक बेहद महंगा सौदा है। जो हर किसान के बस की बात नहीं है। एक बार तारबंदी करवाने में किसानों के लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं। इसलिए किसान इस तरह के उपायों को अपनाने से कतरा रहे हैं। किसानों की इस समस्या को देखते हुए अब राजस्थान सरकार आगे आई है। राजस्थान सरकार ने घोषणा की है, कि राज्य सरकार अपने राज्य के किसानों के लिए तारबंदी करवाने के लिए कुल खर्च का 60 फीसदी पैसा देगी। इसके तहत राजस्थान सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री किसान साथी योजना चलाई है। जिसमें सरकार ने बताया है, कि फसल सुरक्षा मिशन के तहत जानवरों से फसल की सुरक्षा के लिए किसानों को अधिकतम 60 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। अगर रुपये की बात करें तो यह अनुदान अधिकतम 48,000 रुपये तक दिया जाएगा।


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इस योजना के अंतर्गत न आने वाले किसानों को भी राजस्थान सरकार तारबंदी के कुल खर्च का 50 फीसदी अनुदान देती है। अगर रुपये की बात करें तो यह आर्थिक मदद अधिकतम 40,000 रुपये तक हो सकती है। सरकार के कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया है, कि इस साल के बजट में सरकार ने तारबंदी के लिए अलग से प्रावधान किया है। नए कृषि बजट में राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत 35,000 किसानों को अगले 2 साल में अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान 100 करोड़ रुपये का होगा, जिसके अंतर्गत राज्य के खेतों में 25 लाख मीटर की तारबंदी की जाएगी।

अनुदान प्राप्त करने के लिए ये किसान होंगे पात्र

राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन के तहत तारबंदी करवाने के लिए किसान की खुद की कृषि योग्य 1.5 हेक्टेयर भूमि एक ही जगह पर होनी चाहिए। अगर किसान की 1.5 हेक्टेयर भूमि एक ही जगह पर नहीं है, तो 2 या 3 किसान संयुक्त रूप से अपनी 1.5 हेक्टेयर जमीन की तारबंदी करवाने के लिए मिलकर इस योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं।

अनुदान प्राप्त करने के लिए यहां करें आवेदन

इस योजना के अंतर्गत लाभ उठाने के लिए किसान भाई अपने नजदीकी जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। इसके साथ ही अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 18001801551 पर कॉल करके जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसके साथ ही किसान भाई राजस्थान किसान साथी पोर्टल पर भी विजिट कर सकते हैं। इस पोर्टल पर राजस्थान सरकार किसान भाइयों से समय-समय पर तारबंदी के लिए आवेदन मांगती रहती है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को अधिकतम 400 मीटर तक की तारबंदी के लिए अनुदान मिल सकता है।
इस राज्य में किसानों एवं खेतिहर मजदूरों को दुर्घटना की घड़ी में दिया जायेगा मुआवजा

इस राज्य में किसानों एवं खेतिहर मजदूरों को दुर्घटना की घड़ी में दिया जायेगा मुआवजा

राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के जरिये कृषकों एवं खेतिहर मजदूरों को दुर्घटना में किसी तरह की शारिरिक रूप से हानि अथवा मृत्यु के समय 50,000 से 2 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। मौसमिक अनिश्चितताओं की वजह से खेती-किसानी एक बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य होता जा रहा है। आए दिन फसलों में काफी हानि होती जा रही है, साथ ही कृषकों की भी आजीविका प्रभावित हो रही है। इसका नुकसान किसान परिवारों को भोगना पड़ता है। बहुत बार सुनने को मिलता है, कि कृषि मशीनरी चलाते वक्त अथवा मौसम की वजह से किसान की फसल नष्ट हो जाती हैं। ऐसे में अधिकाँश मामलों में किसान की मौत तक हो जाती है। ऐसी दुःख की घडी में किसान परिवारों की मदद हेतु बहुत सारे राज्यों में मुआवजा प्रदान किया जाता है। राजस्थान की सरकार भी इस परेशानी की घड़ी में किसानों के साथ खड़ी रहती है। राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना राज्य सरकार द्वारा चलाई है, इसके माध्यम से किसान व खेतिहर मजदूर के साथ दुर्घटना हुई हानि या मृत्यु के दौरान 2 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान किया जाता है। बीते 4 वर्ष में 10,000 से भी अधिक किसान राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना से फायदा उठा चुके हैं।

जानें राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के बारे में

राजस्थान सरकार द्वारा किसानों के फायदे के लिए चलाई जा रही राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के जरिये। खेती-किसानी करते समय दुर्घटनावश अंग-भंग होने अथवा मृत्यु होने की हालत में 2 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाता है। अगर खेती के वक्त सिर पर चोट लगने, कोमा में जाने, दोनों हाथ, दोनों पैर, दोनो आंख, रीढ़ की हड्डी टूटने जैसी शारीरिक हानि होने की स्थिति में किसान या किसान परिवार को 50,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यदि किसान का एक अंग विकलांग होने की स्थिति में 25,000 रुपये, उंगली की हानि पर 5,000 रुपये, दोनों उंगली का नुकसान होने पर 10,000 रुपये एवं चार उंगलियों की हानि होने पर 20,000 रुपये दिए जाते हैं।


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10,000 कृषकों को प्राप्त हुई आर्थिक सहायता

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राजस्थान सरकार द्वारा राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के चलते बीते 4 साल में 10 हजार 237 कृषकों को मंडी समितियों के जरिए 151 करोड़ 92 लाख 3 हजार रुपये का भुगतान किया गया है। इस योजना से 2018-2019 तक 989 कृषकों को 1381.98 लाख रुपये, 2019-2020 में 2,981 किसानों को 4,303.50 लाख रुपये, 2020-21 में 2,275 किसानों को 3,457.10 लाख रुपये, 2021-2022 में 2,806 किसानों को 4,227.10 लाख रुपये एवं 2022-23 सितंबर तक 1,186 किसानों को 1,822.35 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।

आवेदन कहाँ करें किसान

सभी किसान और खेतिहर मजदूर वर्ग तक राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने ऑनलाइन साइट भी लॉन्च की है। इस योजना का लाभ केवल राजस्थान के किसानों को ही दिया जाता है, जिसमें आवेदन करने हेतु राज किसान साथी पोर्टल पर जन आधार व मोबाइल नंबर के जरिये से Apply किया जा सकता है।